हस्तनिर्मित ज़री-बूटी युक्त सूती साड़ी/"आंवा साड़ी"
Vidhyashish हथकरघा
द्वारा उत्पाद
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हथकरघा पर ताने-बाने के कुशल संयोजन द्वारा विद्याशीष हथकरघा, आंवा के दक्ष बुनकरों द्वारा निर्मित शत प्रतिशत सूती साड़ी। 6 अलग अलग रंगों की 1 इंच चौड़ी पट्टिकाओं का सुंदर संयोजन तथा डोबी के माध्यम से आकर्षक जरी-बूटी युक्त। "आंवा साड़ी" के नाम से प्रचलित|
ग्राम आंवा राजस्थान के टोंक जिले के देवली तहसील में स्थित है। 4-5 साल पहले, अपने गुरुजी श्री विद्यासागर महाराज से प्रेरित एक जैन परिवार ने हथकरघा बुनाई शुरू की और सादे कपड़े, पोशाक सामग्री आदि का उत्पादन किया। कुछ अनुसूचित जाति के बुनकरों ने भी प्रशिक्षित किया और उनके साथ अपनी हथकरघा यात्रा शुरू की।
बुनकर सेवा केंद्र, जयपुर ने डीसी (एचएल), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार की समर्थ योजना के तहत आयोजित 45 दिनों के कौशल उन्नयन शिविर के दौरान "आंवा साड़ी" की शुरुआत की है। 20 बुनकरों को डोबी तंत्र और जाला तकनीक में प्रशिक्षित किया गया ताकि वे साड़ी और रेशम के दुपट्टे पर जटिल डिजाइन तैयार कर सकें।
"आंवा साड़ी" की अनूठी विशेषता इसकी चलने की लंबाई पर अतिरिक्त अद्वितीय पट्टी प्रभाव है, जिसमें डोबी / जाला तकनीक से बना एक जटिल डिजाइन है। डोबी बटी वर्क वाली एक-एक इंच की छह खूबसूरत मिश्रित रंगीन धारियां इसे अन्य साड़ियों से अलग करती हैं। बार्डर में डोबी जरी बटी का काम भी किया। ज़ाला तकनीक के साथ ओवरऑल स्मॉल एक्स्ट्रा वेट "बट्टी" वर्क इसे आकर्षक बनाता है। प्राकृतिक कच्चे माल, कपास 2/80 के यार्न का उपयोग ताना और बाने में किया जाता है। कपास राजस्थान में उपलब्ध/उगाया जाता है, जो पूरे कपड़े को राजस्थानी स्पर्श देता है।
विशेषताएं
- आकर्षक डोबी जरी-बूटी युक्त
- बूटी एवं धारीदार पल्लू/आँचल
- किनारों पर अप्रतिम रंगीन धारी प्रभाव एवं आकर्षक रंगीन पट्टी
- ताने-बाने के माध्यम से रंगों का सुंदर मिश्रण
- गुणवत्ता में बेजोड़
- शत प्रतिशत सूती धागों से निर्मित
- विभिन्न आकर्षक चटख रंगों में उपलब्ध
- पूर्णतया सात्विक एवं अहिंसक
- पर्यावरण अनुकूल उत्पादन प्रक्रिया से दक्षतापूर्ण बुनाई
- आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
- किफ़ायती दाम
- लालित्य एवं सौम्यता से परिपूर्ण
विशेष
# मांग पर अन्य रंगों एवं बनावट (डिज़ाइन) में भी उपलब्ध है।
sja115
Awesome 👌🏼